भोपाल: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 25 साल बाद तैयार किए गए भोपाल के मास्टर प्लान को हरी झंडी दे दी है. भोपाल का मास्टर प्लान इससे पहले 1995 में बना था. नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर भोपाल मास्टर प्लान को प्रकाशित कराया जाएगा. प्लान प्रकाशित होने के एक महीने तक लोग दावा और आपत्ति दाखिल कर सकेंगे. आपको बता दें कि भोपाल का नया मास्टर प्लान साल 2031 तक के लिए बनाया गया है.
इससे पहले 1995 में बना था भोपाल का मास्टर प्लान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नए मास्टर प्लान में शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों और उपनगरों के विकास पर जोर दिया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में इस नए मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन दिया गया. नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने मीटिंग में यह मास्टर प्लान सीएम के सामने पेश किया. आपको बता दें कि भोपाल का जब 1995 में मास्टर प्लान बना था तो मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ही सरकार थी.
नए मास्टर प्लान के तहत होगा भोपाल शहर का विकास
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मास्टर प्लान की मीटिंग शुरू होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि भोपाल शहर में आबादी का बोझ बढ़ा है. भोपाल बढ़ती आबादी का बोझ उठा सके इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. भोपाल शहर के विकास की रूपरेखा इसी मास्टर प्लान के आधार पर तय की जाएगी. 2 फ्लोर से तीन फ्लोर बना दें यह पुरानी बात है. अब अर्बनाइजेशन नहीं बल्कि सबअर्बनाइजेशन की बात करनी होगी. भोपाल को और बड़े शहरों को सुरक्षित रखना है और उसी को मद्देनजर हम मास्टर प्लान बनाएंगे.