लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने केपिटल मॉल में 108 एम्बुलेंस सेवा के नये कॉल-सेंटर का शुभारंभ करते हुए निर्देश दिये हैं कि एम्बुलेंस सेवा की कनेक्टिविटी ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों तक बढ़ाई जाये। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव की प्रवृत्ति बढ़ाने के लिये इस सेवा का बेहतर उपयोग किया जाये।
मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश दिये कि 108/104/एमएमयू वाहनों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाये। इन वाहनों में सभी जीवन-रक्षक उपकरण हमेशा काम करने की स्थिति में रहें। श्री सिलावट ने इन सेवा वाहनों के ड्रायवरों की शराब पीकर वाहन चलाने की शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे ड्रायवरों को तत्काल हटाया जाये।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन ने बताया कि वन क्षेत्रों में फारेस्ट गार्ड के पास उपलब्ध वॉकी-टॉकी के माध्यम से वनवासियों और ग्रामीणों को एम्बुलेंस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन सेवाओं के अंतर्गत आग लगने की घटनाओं के लिये डायल-100 को कॉल ट्रांसफर करने की सुविधा दी गई है। जीपीएस के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा की सतत मॉनीटरिंग की जाती है। कॉल होने पर समय पर वाहन नहीं पहुँचने पर पेनाल्टी का प्रावधान भी किया गया है।
लोकार्पण कार्यक्रम में 108 सेवा पात्रतादाता कम्पनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत एम्बुलेंस सेवाओं के माध्यम से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही, कुपोषित बच्चों को एनआरएचएम पहुँचाने से शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में भी कमी आई है। उन्होंने बताया कि पिछले जनवरी माह में प्रदेश के 66 हजार से भी अधिक लोगों ने एम्बुलेंस चिकित्सा सेवा का लाभ लिया है।