भोपाल। होलाष्टक होली से पहले के आठ दिनों को कहा जाता है। होलाष्टक को अशुभ मानने की मान्यता के चलते आठ दिनों तक किसी भी तरह के शुभ संस्कार नहीं किये जाएंगे। इस दौरान पूजा-पाठ करना ही श्रेष्ठ माना जाता है। होलाष्टक दो मार्च से प्रारंभ हो रहा है, जो नौ मार्च यानी होलिका दहन तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक होलाष्टक माना जाता है। नौ मार्च को होलिका दहन के बाद अगले दिन 10 मार्च को रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जाएगा। महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला और चंद्रभूषण शुक्ला बताते हैं कि पौराणिक कथा के अनुसार भक्त प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने आठ दिनों तक घोर यातना दी थी। उन्हें पहाड़ से नीचें फेंकना, जंगली-जानवरों के बीच छोड़ देना, जलाने के लिए जीवित आग में बिठा देना जैसे मृत्यु तुल्य यातना दी गई थी। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं हुआ। जिन आठ दिनों में प्रहलाद को यातनाएं दी थी, उन्हें ही होलाष्टक के नाम से जाना जाता है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।