भोपाल। गठिया, कॉलेस्ट्रॉल और रक्तचाप की आयुर्वेदिक औषधियों और हवन सामग्री में उपयोग होने वाला गुग्गल का उत्पादन अज्ञानतावश गलत तरीके से दोहन के चलते आज खतरे में पड़ गया है। मध्यप्रदेश के केवल मुरैना, श्योपुर और भिण्ड जिले में पाया जाने वाला गुग्गल कच्चे माल के रूप में एक से डेढ़ हजार रूपये प्रति किलो और इसका सत 5 से 10 हजार रुपये किलो तक बिकता है। भारत में मध्यप्रदेश के अलावा यह गुजरात के कच्छ और राजस्थान के कुछ स्थानों में भी पाया जाता है। वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने बताया कि राज्य में इसको बचाने के लिये गोंद रेजिन नीति बनाई जा रही है। नीति ड्राफ्ट का प्रस्तुतिकरण 18 मार्च को होगा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।