लीबिया के विरोधी गुटों ने सोमवार को कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र जनेवा में प्रायोजित शांति वार्ता में हिस्सा नहीं लेंगे। वहीं विश्व निकाय के प्रवक्ता का कहना है कि वार्ता फिर भी होगी। खलीफा हफ्तार समर्थित पूर्वी लीबिया की एक सांसद ने कहा कि वह शांति वार्ता में हिस्सा नहीं लेगी क्योंकि लीबिया में संयुक्त राष्ट्र समर्थन मिशन (यूएनएसएमआईएल) ने उसके सभी 13 प्रतिनिधियों को मंजूरी नहीं दी है।
त्रिपोली में एक प्रतिद्वंद्वी प्राधिकरण- हाई स्टेट काउंसिल ने कहा कि सैन्य बातचीत में प्रगति होने से पहले वह भी वार्ता में हिस्सा नहीं लेगी। यह प्राधिकरण सीनेट के समकक्ष है। त्रिपोली इकाई ने कहा,‘‘निष्कर्षों (सैन्य बातचीत) के आलोक में उच्च परिषद राजनीतिक चर्चा में हिस्सा लेने अथवा नहीं लेने के संबंध में निर्णय करेगी। यूएनएसएमआईएल के एक प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक बातचीत फिर भी होगी। जीन एल एलम ने एएफपी से कहा, लीबियाई राजनीतिक बातचीत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 26 फरवरी को ही होगी।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।