भोपाल । पारदर्शी और दूध का दूध पानी का पानी करने के लिए खुद परखो खुद जांचों जैसी व्यवस्थाओं से अब नागरिकों का सांची दुग्ध उत्पादों पर बढ़े भरोसे के चलते महाशिवरात्रि के दिन लगभग 4 लाख लीटर दूध उपभोक्ताओं ने क्रय किया है । दूध की जांच के लिए शुरू की गई चलित प्रयोगशालाओं में अन्य उत्पादको और खुले दूध के कईं नमूने अमानक पाए जाने के बाद नागरिकों का सांची दुग्ध संघ के प्रति विश्वास बढ़ा है ।
संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव हर घर में उपयोग होने वाले सभी तरह के दुग्ध उत्पादों की शुद्ध उपलब्धता के लिए लगातार प्रयासरत हैं । उनके द्वारा प्रारंभ कराए गए उत्पादों की जांच के सघन अभियान में अब तक 475 नागरिकों ने खुले दूध और अन्य उत्पादको के दूध के नमूने जांच कराए गए थे । इनमें से लगभग 30 फीसदी नमूने अमानक पाए गए । उन्होंने नागरिकों के फोन करने पर घर से भी नमूने लेकर जांच की व्यवस्था की थी उक्त् व्यवस्था के भी अच्छे परिणाम आए
हैं । इधर जनवरी माह से भोपाल दुग्ध संघ ने मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को दिए जाने वाले सुगंधित और मीठे दूध पाउडर की भी दस जिलों में आपूर्ति प्रारंभ कर दी है । इन जिलों में लगभग 55 टन दूध की आपूर्ति की जा रही है । इधर दुग्ध संघ का पिछले दो माह में समितियों के माध्यम से संकलित होने वाले दूध की मात्रा में भी 50 हजार लीटर प्रतिदिन की बढ़ोत्तरी हुई है । इंटरप्राइस रिसोर्स प्लानिंग(ई आर पी) के बाद से शीतग्रहों से आने वाले दूध की भी कईं स्तर की जांच प्लांट पर होने और
परिणाम के दोतरफा मिलान से अब मिलावट की आशंका शत-प्रतिशत समाप्त हो गई है । इस बीच 2 दुग्ध सहकारी समितियों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नई व्यवस्था लागू की गई है । इस व्यवस्था से सदस्यों द्वारा दिए जाने वाले दूध की मात्रा, गुणवत्ता और कीमत की जानकारी प्लांट स्तर पर भी तुरंत मिलती है और उक्त तीनों आधार पर सदस्य को दूसरे दिन उनके द्वारा दिये गए दूध का भुगतान भी सुनिश्चित हो जाता है ।
इस व्यवस्था को धीरे धीरे सभी समितियों में लागू किया जायेगा ।