नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) का इस दुनिया से जाना सिर्फ मायानगरी के लिए ही नहीं, उनके फैंस के लिए भी झटका था. अब विनोद खन्ना को लेकर एक खबर सामने आ रही है. अब उनके फैंस उन्हें एक बार और परदे पर देखेंगे. करण नाथ स्टारर गन्स ऑफ बनारस (Guns of Banaras) जल्द ही रिलीज होगी. इस फिल्म में वह करण के पिता का रोल निभाएंगे.
करण ने विनोद खन्ना के साथ किए काम को लेकर कहा कि मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है कि मैंने उनके साथ काम किया. मेरे लिए यह खूबसूरत और इमोशनल एक्सपीरिएंस है. मैं भगवान के प्रति शुक्रगुजार हूं. मैं इस फिल्म में उनके बेटे का रोल निभा रहा हूं. मेरे लिए उनके साथ काम करना एक सपना पूरा होने जैसा है. अब वह हमारे बीच नहीं हैं तो मैं उन्हें काफी मिस कर रहा हूं. अक्सर उनके साथ की गई बातों को याद करता हूं. उन्होंने मुझे जिंदगी के बारे में काफी कुछ सिखाया है. मैं उनका बहुत बड़ा फैन हूं और हमेशा रहूंगा.
बता दें कि विनोद खन्ना का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में 1946 में हुआ था. बंटवारे के बाद उनका परिवार मुंबई आकर बस गया था. उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत 'मन का मीत' से की, जिसमें उन्होंने एक खलनायक की भूमिका निभाई थी. इसके बाद हीरो के तौर पर उनकी 'हम तुम और वो' आई से परदे पर उतरे. 'अमर अकबर एंथोनी','खून पसीना','परवरिश', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'द बर्निंग ट्रेन' जैसी फिल्मों में काम करने वाले विनोद खन्ना ने तब संन्यास ले लिया था, जब वह अपने करियर में टॉप पर थे.
बॉलीवुड के जानकार कहते हैं कि जिस समय सिर्फ अमिताभ बच्चन की फिल्में चल रही थीं तो उस समय सिर्फ विनोद खन्ना ही थे, जो उनके सामने टिक सकते थे, लेकिन संन्यास लेकर वह अपने इस साथी कलाकार से काफी पीछे छूट गए. विनोद खन्ना ने ओशो को अपना गुरू बना लिया था. वह कुछ समय बाद मायानगरी में वापस भी लौटे, लेकिन उन्हें तब साइड रोल ही अधिक ऑफर हुए.बेशक, विनोद ने जिस भी फिल्म में काम किया हो, रोल कोई भी, लेकिन वह अपने अभिनय की छाप छोड़ने में हमेशा कामयाब हुए. इसी वजह से वह आज भी फैंस के दिलों में राज कर रहे हैं.