बांदा। बाईपास निर्माण में मिट्टी के काम में करीब 14 करोड़ रुपये का घोटाला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। ‘अमर उजाला’ में 5 मार्च को प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव से तत्काल जांच और कार्रवाई करके रिपोर्ट तलब की गई है। बांदा बाईपास के दूसरे चरण में बांदा-नरैनी-कालिंजर मार्ग पर किलोमीटर 8 से झांसी-मिर्जापुर हाईवे के किलोमीटर 207 तक का निर्माण पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड द्वारा कराया जा रहा है। यह बाईपास बसपा सरकार में स्वीकृत हुआ था। वर्ष 2011 में ही 10 किलोमीटर लंबे फोरलेन मार्ग के लिए 44 करोड़ 9 लाख 27 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे। 42 लाख रुपये शासन ने पीडब्ल्यूडी को उपलब्ध करा दिए थे। 25 फरवरी को पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (बांदा) ज्ञान प्रकाश पांडेय ने इस बाईपास का निरीक्षण किया था। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि 6.25 करोड़ के मिट्टी के काम में 20.25 करोड़ रुपये भुगतान कर दिया गया। मुख्य अभियंता ने कहा कि शुरूआती दौर में ही 14 करोड़ रुपये केवल मिट्टी में अधिक खर्च कर दिए गए। इसका किसी सक्षम अधिकारी से अनुमोदन नहीं लिया गया। मुख्य अभियंता ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को पत्र भेजकर जांच के लिए टीम गठित करने का अनुरोध किया था।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।