बांदा। सूरत से मजदूरी कर लौटे युवक की पांचवें दिन मौत हो गई। उसे खांसी और सांस लेने में दिक्कत बताई जा रही थी। जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को सूचना दिए बगैर दाह संस्कार कर दिया। उधर, तिंदवारी में चेन्नई से लौटे मजदूर की सीएचसी में जांच हुई, लेकिन उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं पाए गए। सीएमओ डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को भेजा गया है। परिजनों और उसके संपर्क में आए लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। यदि इनमें कोरोना के लक्षण मिले तो उनका इलाज कराया जाएगा। बिसंडा नगर का युवक सूरत में मजदूरी करता था। पांच दिन पहले ही वह लौटा था। आने के बाद उसे खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी हो रही थी। घर के लोग साधारण इलाज कराते रहे। शनिवार को उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल ला रहे थे। रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिजन शव वापस ले गए और गांव में ही दाह संस्कार कर दिया। युवक की मौत से गांव वालों में कोरोना को लेकर आशंकाएं और दहशत है। उधर, इस बारे में एसडीएम (अतर्रा) सौरभ शुक्ला का कहना है कि सूचना मिलने पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा है। मजदूर की मौत और दाह संस्कार कर दिए जाने के सवाल पर एसडीएम का कहना था कि इसकी जानकारी नहीं उन्हें नहीं है। मृतक की शादी चार वर्ष पूर्व हुई थी। बताया गया था कि गुजरात में प्रेम विवाह किया था। कोई संतान नहीं है। उधर, तिंदवारी कस्बा निवासी 40 वर्षीय मजदूर चेन्नई में काम करने गया था। शुक्रवार की शाम वह वहां से लौटा है। इसकी सूचना किसी ने पीएचसी को दे दी। पीचएसी के डाक्टर विजय प्रताप यादव और फार्मासिस्ट असगर खां, एएनएम मिथलेश श्रीवास्तव और शोभित गुप्ता की टीम उसके घर पहुंची और उसके स्वास्थ्य की जांच पड़ताल की। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. नीरज कुमार ने बताया कि युवक में कोरोना वायरस जैसे कोई लक्षण नहीं पाए गए।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।