कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं और लगातार पेट्रोल-डीजल की मांग घटती जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम भी काफी कम हो चुके हैं, लेकिन लोग घरों में कैद हैं, जिसकी वजह से मांग कम आ रही है। लेकिन मांग कम आने के बावजूद ऑइल मार्केटिंग कंपनियां सस्ते कच्चे तेल का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रही हैं। आज दसवां दिन है जब पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय कच्चा तेल बाजार में लगातार हलचल देखने को मिल रही है। बेंचमार्क क्रूड में बुधवार को मामूली तेजी देखी गई और वह 27.51 डॉलर प्रति डॉलर के स्तर पर है। यह स्तर टॉप लेवल से आधे के करीब है। जानकारों का मानना है कि अगर क्रूड इससे और नीचे जाता है तब भी कीमतों के कम होने की गुंजाइश कम है। बल्कि एक्साइज ड्यूटी और बढ़ाई जा सकती है। बड़े इकनॉमिस्ट्स का कहना है कि सरकार को क्रूड ऑयल के दाम में बड़ी गिरावट से मिले फायदे का उपयोग कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के उपायों की फंडिंग में करना चाहिए। उनका कहना है कि इस महामारी के कारण जिन लोगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, उन्हें कैश ट्रांसफर करना एक अहम कदम होगा और इसमें क्रूड ऑयल पर मिले फायदे का उपयोग किया जा सकता है। देश में पेट्रोल-डीजल की मांग काफी कम हो गई है, फिर भी दाम नहीं घट रहे।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।