गोरखपुर। जल निगम के प्रबंध निदेशक विकास गोठनवाल ने मंगलवार को स्वीकार किया कि गोरखपुर में पाइप लाइन और सीवर लाइन डालने में भारी लापरवाही हुई है। इसके बाद उन्होंने नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को फोन करके यह सूचना दी है कि गोरखपुर में अंडर ग्राउंड जलापूर्ति में घटिया और फटी हुई पाइप डालने तथा सीवर लाइन डालने में भयंकर लापरवाही हुई है। इसके लिए अधिशासी अभियंता से लेकर अवर अभियंता स्तर तक के 21 कार्यरत अभियंताओं तथा 9 सेवानिवृत अभियंताओं के विरूद्ध कार्रवाई की है। प्रबंधक निदेशक ने नगर विधायक को सभी 30 अभियंताओं की सूची दे दी है। प्रबंध निदेशक ने डॉ. अग्रवाल को बताया कि आजादनगर पंचपेड़वा में घटिया स्तर की फटी हुई पाइप डालने का उनका आरोप शासन के स्तर पर सही पाया गया है और कार्यरत अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह, सहायक अभियंता गण (आदर्श वर्मा, सुदेश कुमार, राजेश विश्वकर्मा,आनंद मिश्र, इंद्रसेन, एनके श्रीवास्तव, एमएन मौर्या तथा श्रीराम गुप्ता ) तथा अवर अभियंतागण (डीएन यादव,अभिषेक चैबे, उपहार गुप्ता, एसके चैधरी, एनडी सिंह, जगवंदन, नंदू प्रसाद तथा मेराज अली) प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। इसके अलावा अधिशासी अभियंता सूरज लाल एवं एसपी द्विवेदी, सहायक अभियंतागण (मो रफी खान, दर्शन प्रसाद, परमजीत सिंह, एके सिंह तथा सुभाष चन्द्र पांडे ) एवं जूनियर इंजीनियर आरएन त्रिपाठी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सेवानिवृत्त अभियंताओं के विरूद्ध कार्रवाई के लिए जल निगम बोर्ड से अनुमति लेनी होती है। बोर्ड ने कार्रवाई की अनुमति दे दी है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।