लॉकडाउन के चलते शहर में वायु प्रदूषण में कमी आई है। हवा में रेस्पिरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम-10) की मात्रा में 60-70 फीसदी तक की गिरावट आई है। मौजूदा समय में शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। अधिकतर वाहनों की आवाजाही बंद है। निर्माण कार्यों के साथ अन्य दूसरे प्रोजेक्ट भी बंद हैं। आरएसपीएम 10 का सामान्य स्तर 140-150 माइक्रोग्राम पर-क्यूबिक मीटर रहता है, जो मौजूदा समय में 70-80 या इससे कम पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वायु प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए शहर के प्रमुख नरवाल, एमए स्टेडियम, पनामा चौक और बाड़ी ब्राह्मणा में जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं। आरएसपीएम 10 की श्रेणी वाले प्रदूषण के कण सेहत को खराब करते हैं। ये शरीर में पहुंचकर कई तरह का नुकसान पहुंचाते हैं, हालांकि इससे खतरनाक पीएम 2.5 श्रेणी वाला प्रदूषण होता है, ये कण नाक और मुंह के रास्ते शरीर में पहुंचकर जमा हो जाते हैं और इससे कई गंभीर बीमारियां होती हैं। लॉकडाउन के चलते आरएसपीएम 10 और पीएम 2.5 दोनों का स्तर 50 फीसदी से अधिक तक गिर गया है। आरएसपीएम 10 का सामान्य अपने परिसर में स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रतिक्यूबिक मीटर रहता है, जो सामान्य से भी नीचे चला गया है। बोर्ड के वैज्ञानिक हेड लेबोरेटरी जम्मू डिवीजन व राज्य बोर्ड समीक्षक डा. यशपाल शर्मा का कहना है कि आरएसपीएम 10 में गिरावट आना राहत की बात है। आगामी दिनों में भी लाकडाउन के चलते वाहनों की आवाजाही नहीं होगी, जिससे प्रदूषण कम रहने से लोगों की सेहत पर अधिक असर नहीं पड़ेगा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।