कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर पटना हाई कोर्ट और सिविल कोर्ट के वकीलों ने न्यायिक कार्य को 29 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। सिर्फ जेल में बंद लोगो की नियमित जमानत पर सुनवाई हो रही है। वहीं, पटना सिविल कोर्ट परिसर में बिना अनुमति के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गयी है। कोर्ट कैंपस में पक्षकाराें के प्रवेश के लिए गेट पास लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यस्था के तहत पक्षकारों को अपना नाम, आने का कारण, जिस कोर्ट में काम है उसका नाम, मुकदमा संख्या और मोबाइल नंबर फाॅर्म में भरकर और संबंधित न्यायालय के पेशकार से मुहर लगवाकर गेट पर सुरक्षाकर्मी को दिखाना होगा। उसके बाद ही परिसर में प्रवेश मिलेगा इससे पहले शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट अधिवक्ता संघों की समन्वय समिति ने कोरोना वायरस के गंभीर खतरे को देखते हुए 23 मार्च से हाइकोर्ट में वकीलों से नहीं आने का अनुरोध किया है। समन्वय समिति के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में कोरोना से पूरी मानवता को खतरा उत्पन्न हो गया है। इसलिए ये जरूरी है कि अधिवक्तागण अपनी सुरक्षा व स्वास्थ्य के रक्षार्थ अदालतों में अगले सप्ताह नहीं जाएं. वहां भीड़ होने से स्थिति और भी बिगड़ सकती है। समन्वय समिति ने साथ ही बिहार के अन्य जिला व अन्य अदालती अधिवक्ता संघों से अनुरोध किया कि वे भी इस तरह का निर्णय लें और अदालतों में अगले एक सप्ताह नहीं जाएं, इससे सबकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जब की बिहार राज्य महिला आयोग ने पुराने केसेज़ की सुनवाई फ़िलहाल 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। महिला आयोग अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने ये अपील कि है कि लोग घबराएं नहीं और अभी इस मुश्किल की घड़ी में घर पर रहें। गौरतलब है कि दिलमणि मिश्रा भी पुराने केसों का निबटारा घर से ही कर रही हैं और नए अर्जेंट मामलों के लिए ही आयोग जा रही हैं।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।