कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए रेलवे ने दो दिनों में 184 ट्रेनें रद कर दी हैं। बुधवार को जहां 99 ट्रेनें रद की गईं, वहीं मंगलवार को 85 ट्रेनें रद की जा चुकी हैं। इनमें ट्रेनों में बुकिंग भी कम हुई थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को पश्चिम मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे की 11-11 ट्रेनें रद की गईं, जबकि दक्षिण मध्य और उत्तरपूर्व फ्रंटियर रेलवे की 20-20 ट्रेनों को रद किया गया है। सर्वाधिक 32 ट्रेनें दक्षिण रेलवे और सबसे कम पांच पूर्व मध्य रेलवे की रद की गई हैं। अन्य जोनों में रद ट्रेनों के आंकड़े फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। इससे पहले रेलवे ने मंगलवार को 85 ट्रेनें रद कर दी थीं। ये ट्रेनें 18 मार्च से एक अप्रैल तक रद रहेंगी। इस सूची में लंबी दूरी की कुछ लोकप्रिय ट्रेनें भी शामिल हैं। भीड़ को कम करने के लिए रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में भी इजाफा करते हुए 50 रुपये का कर दिया है। रेलवे ने जोनों को गाइडलाइन जारी की थी। उसमें कहा गया था कि जिस कैटरिग स्टाफ को बुखार, कफ, नाक बहने या सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी हो उसे काम पर न लिया जाए। कोरोना वायरस के चलते लोगों ने अपनी रेल यात्राएं कैंसिल करना शुरू कर दी हैं। चालू महीने के दौरान लोगों ने 60 फीसद रेलवे टिकट कैंसिल करा लिए हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बुधवार को इसकी जानकारी संसदीय समिति को दी। कोरोना वायरस के खौफ के कारण हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों में 14 लाख से अधिक यात्रियों ने अपने रेल टिकट रद करवा लिए हैं। रेलवे के राजस्व में 10 करोड़ से अधिक की कमी आई है। सतर्कता बरतते हुए रेलवे ने भी कई ट्रेनों को खुद ही रद्द कर दिया।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।