कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए उठाए गए तमाम एहतियाती कदमों के तहत राज्य चुनाव आयोग ने भी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं से संबंधित सभी चुनावी प्रक्रियाओं को अगले आदेश तक रोक दिया है। यह जानकारी राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त यूपीएस मदान ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने यह फैसला राज्य सरकार की गुजारिश पर लिया है। मदान ने कहा कि मुंबई हाई कोर्ट के 10 अगस्त 2005 के एक फैसले के अनुसार प्राकृतिक आपदा अथवा आकस्मिक परिस्थिति पैदा होने पर चुनाव स्थगित करने अथवा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने का अधिकार चुनाव आयोग को है। अपने इसी अधिकार के तहत राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित सभी प्रक्रियाओं, जैसे- प्रभाग रचना, मतदाता सूची और प्रत्यक्ष चुनाव आदि को जो जहां जिस स्तर पर है, वहीं रोकने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के 19 जिलों में 1 हजार 570 ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक चुनावों की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है और इनके लिए 31 मार्च को चुनाव होना था। इसी तरह औरंगाबाद और नवी मुंबई महानगरपालिका के चुनाव, नासिक, धुले, परभणी और ठाणे महानगरपालिका की एक-एक सीट के लिए उपचुनाव और मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसके अलावा, वसई-विरार, महानगरपालिका, अंबरनाथ, कुलगांव-बदलापुर, वाडी, राजगुरुनगर, भडगांव, वरणगांव, केज, भोकर और मोवाड इन नौ नगर परिषदों/पंचायतों, भंडारा और गोंदिया जिला परिषद तथा इनके अंतर्गत आने वाली 15 पंचायत समितियों समेत राज्य में 12 हजार ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक चुनावों के लिए प्रभाग संरचना का काम चल रहा था। कोरोना के प्रभाव को देखते हुए इन सभी चुनावी प्रक्रियाओं को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त मदान ने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद समूची प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आदेश जारी किए जाएंगे।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।