लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु आयोजित ‘आशय पत्र’ वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी शिक्षण संस्थाओं ने उल्लेखनीय योगदान किया है। वर्तमान राज्य सरकार अपना पूरा ध्यान शिक्षा पर केन्द्रित कर रही है, जिसके लिए प्रदेश में कई विश्वविद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश के विद्यार्थियों को अच्छी और गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा आज इस कार्यक्रम में 28 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु आशय पत्र निर्गत किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयों के मध्य प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण सृजित कर शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु उत्तर प्रदेश स्थित निजी विश्वविद्यालयों के नियमन एवं स्थापना के लिए शासन द्वारा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 का प्रख्यापन किया गया है। इस अधिनियम के अन्तर्गत निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित इस अधिनियम से अब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालय स्थापित किये जा सकेंगे। इससे प्रदेश के सभी जनपदों में उच्च शिक्षण संस्थान उपलब्ध हो सकेंगे और राज्य में शिक्षा का व्यापक प्रसार होगा। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा पाने के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से लगभग 03 हजार करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है। साथ ही, इससे बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सन् 1947 से सन् 2017 तक प्रदेश में कुल 27 निजी विश्वविद्यालय ही स्थापित किये जा सके, जबकि वर्तमान सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में 28 नये निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार सन् 1947 से वर्ष 2016 तक प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल काॅलेज ही मौजूद थे, जबकि पिछले तीन वर्षो के दौरान प्रदेश मंे 29 नये मेडिकल काॅलेज स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने निजी क्षेत्र में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की सम्भावनाओं को तलाशने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों की स्थापना में हरसम्भव सहायता करेगी और उनके संचालन में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करेगी। इन विश्वविद्यालयों को राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों के संचालन के लिए प्रचलित अधिनियम, परिनियम, अध्यादेशों और रेगुलेशन के प्राविधानों का अनुपालन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में उत्तर प्रदेश शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केन्द्र था। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार तथा पूर्वोत्तर के राज्यों में उत्तर प्रदेश के शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते थे। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को पुनः शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बनाने के लिए कटिबद्ध है। निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए उन्होंने शिक्षा में नयापन लाने का सुझाव दिया। उन्होंने शोध को भी बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों की सूची लेकर उनके साथ एम0ओ0यू0 साइन करें और एक-दूसरे के नाॅलेज पार्टनर बनें। इससे विद्यार्थियों का काफी भला होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व में भारतीय डायस्पोरा बड़ी संख्या में मौजूद हैं। उन्हें भी नाॅलेज पार्टनर बनाने की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों को अपने शिक्षण संस्थानों में प्लेसमेन्ट सेन्टर स्थापित करने के लिए कहा, ताकि विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित करें। उन्होंने प्रदेश में पूर्व से मौजूद निजी विश्वविद्यालयों, राजकीय विश्वविद्यालयों तथा प्रस्तावित विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों को आपस में समन्यव स्थापित करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने का सुझाव दिया।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।