लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने निम्नलिखित प्रेसनोट जारी किया है, पेट्रोल एवम डीजल पर बढ़ाई गयी एक्साइज ड्यूटी एक अपराधिक कृत्य है ….भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने पेट्रोल एवम डीजल पर बढ़ाई गयी एक्साइज ड्यूटी की तीव्र भर्त्सना की है। ऐसे समय जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है, तब नरेंद्र मोदी सरकार ने, एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। पेट्रोल के मामले में स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को 6 रुपये से बढ़ाकर 8 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के मामले में इसे बढ़ाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस प्रकार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को 22.98 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 18.83 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इसके साथ ही पेट्रोल एवम डीजल पर रोड सेस को एक रुपये प्रति लीटर की दर से बढ़ाकर दस रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वर्ष 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने से लेकर अब तक पेट्रोल पर करों में 142 प्रतिशत की तथा डीजल पर 429 प्रतिशत की भारी बढ़ोत्तरी हुयी है। ऐसी स्थिति में जब अर्थव्यवस्था पर मंदी का संकट मंडरा रहा है, और जो कोरोना महामारी के कारण और अधिक गहराता जा रहा है, उपयुक्त तो यह होता कि पहले ही से मंहगाई के बोझ से त्रस्त उपभोक्ताओं को कच्चे तेल की कीमतों में आयी कमी के फायदे से लाभान्वित किया जाता। लेकिन यह उम्मीद ऐसी सरकार से करना बिल्कुल निरर्थक ही होगा जो आम जनता की चिंताओं से बेखबर रहती है, तथा जो हमेशा ही कॉर्पोरेट जगत एवम उसके अनुचरों की स्वार्थ पूर्ति के लिए प्रयत्नशील रहती है। सीपीआई (एम) का उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल पेट्रोल एवम डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में की गयी इस अपराधिक बढ़ोत्तरी को वापस लिए जाने की मांग करता है। साथ ही वह यह भी मांग करता है कि अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में आयी गिरावट के अनुरूप, अर्थात तीस प्रतिशत तक खुदरा कीमतों में कमी लाई जाए।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।