दुनिया जहां कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए अपने स्तर पर तैयारी कर रही है वहीं पी.जी.आई. ने इससे बचने के लिए अपने स्तर पर दवा (मॉलीक्यूल) खोज ली है। इन मॉलीक्यूल का अब कोरोना वायरस के बाद उपजी परिस्थितियों या वायरस के स्वरूप बदलने में इन विट्रो और इन वीवो प्लेटफार्म (एक तरह के ट्रायल) पर आकलन किया जा रहा है।पी.जी.आई. की एक्सपैरिमैंटल फार्मेकोलॉजी लैबोरेटरी, डिपार्टमैंट ऑफ फार्मेकोलॉजी ने कोविड-19 वायरस की नई दवा (मॉलीक्यूल) ईजाद की है। इनमें 5 ऐसे प्रोटीन खोजे गए हैं जो पोटैंशल टार्गेट हैं। इन पर अंकुश लगा कर वायरस को शरीर को नुक्सान पहुंचाने या फैलने से रोका जा सकेगा। इन विट्रो प्लेटफार्म पर नए खोजे गए मॉलीक्यूल या दवा को मिलते-जुलते वायरस जिसे ग्रो किया जाता है, पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह इन वीवो प्लेटफार्म पर दवा या मॉलीक्यूल का एनिमल मॉडल पर बॉडी के अंदर परीक्षण किया जाता है। डा. विकास मेधी ने बताया कि कोविड-19 वायरस पर यह कैसे काम करेगा, इसका अगले कुछ दिन में खुलासा होगा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।