सोनभद्र : कोरोना की महामारी को मात देने के लिए जिला प्रशासन रविवार को पूरी तरह मुस्तैद दिखा। इस दौरान बाहर से आने-जाने वालों पर पैनी नजर रही। चेन्नई, मुंबई व गुजरात से लौटे सात युवकों का रविवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य की जांच कराई गई। हालांकि किसी भी युवा में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले। जांच के बाद उन्हें घर जाने दिया गया।जिलाधिकारी एस राजलिगम, पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी यमुनाधर चौहान, नगर पालिका अधिशासी अधिकारी प्रदीप गिरी समेत अन्य कई अधिकार जनता कर्फ्यू के दौरान प्रात: 10 बजे बढ़ौली चौराहा पर खड़े थे। इसी दौरान सात युवक अलग-अलग वाहन से बढ़ौली चौराहे पर उतरे। बैग लिए युवकों को जिलाधिकारी ने रोक लिया और पूछताछ करने लगे। इन युवकों में चार पन्नूगंज थाना क्षेत्र के करवनिया गांव निवासी रोहित, विकास कुमार, छोटेलाल व कुदर गांव निवासी विशाल कुमार चेन्नई से लौटे थे। दो युवक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के सरडिया गांव निवासी रामनारायण व ओबरा निवासी सुरेंद्र मुंबई व एक राबर्ट्सगंज निवासी इरफान गुजरात के जामनगर से लौटे थे। इन युवकों ने जैसे ही चेन्नई, मुंबई व जामनगर से आने की बात बताई डीएम के निर्देश पर तत्काल एंबुलेंस बुलाई गई और सातों युवतों को जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। जांच में इन युवकों में कोरोना वायरस का कोई लक्षण न मिलने पर उन्हें घर भेज दिया गया। युवकों ने बताया कि वे विभिन्न ट्रेनों से मीरजापुर उतरे थे। जनता कर्फ्यू के कारण बसों का संचालन न होने से उन्हें मीरजापुर से ट्रक पर सवार होना पड़ा। ट्रक चालक ने उन्हें खैराही उतार दिया। वाहन न मिलने के कारण राबर्ट्सगंज आने के लिए उन्हें कई किमी पैदल सफर तय करना पड़ा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।